Thursday, January 11, 2018

'छठी कक्षा में सीखा 'ए' फोर 'एप्पल' और बना देश का आईआईटी टॉपर'


  • छठी कक्षा से जिसने 'ए' फोर 'एप्पल' पढना सीखा हो, सरकारी स्कुल में अपने नींव का निर्माण किया हो,घर में घरेलु लाईट कनेक्शन व आधुनिक मनोरंजन के साधन के नाम पर टीवी तक न हो और वो जिस जिले का रहवासी हो वो जिला शिक्षा क्षेत्र में अत्यंत पिछडा व 'डार्क जॉन' घोषित हो यदि उस जिले, गावं और उस घर का युवा देश की सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी परीक्षा टॉप कर देवे तो क्या खुशी होती होगी .....?
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  • हां इस खुशी को हम जालोर (राजस्थान)  वासियों ने महसूस कीया वर्ष 2002 के IIT-JEE 2002 के परिणाम के वक्त .....
  • हां पहली बार कीसी घर के व्यक्ति ने अपने घर (जालोर) की पहचान देशभर में करवाई थी | इससे पहले तक जालोर 'सरदार बुटा सिंह का जालोर' (पुर्व गृह मंत्री, भारत सरकार का संसदीय क्षेत्र) के नाम से जाना जाता रहा था |
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  • वर्ष 2002 में जालोर जिले के सायला तहसील के भुण्डवा गांव (मेरे गांव दूदवा से 3 km दूर)  के डूंगराराम चौधरी ने इस परीक्षा को टॉप उत्तीर्ण कर न केवल मेट्रो सीटी की अंग्रेजी पीढीयों को सोचने के लिए विवश कीया अपितु जालोर की हजारों प्रतिभाओ, जो पांचवी पास कर  देसावर (धनोपार्जन के लिए प्रदेश कमाने जाना) चली जाती थी | उन्हें शिक्षा के क्षेत्र के महत्व को बताकर पलायन से रोका |
  •  एक सफलता ने हजारों युवाओ का मार्ग प्रशस्त किया | उस सफलता के बाद आज जालोर न केवल मेडिकल अपितु आईटी व प्रशासनिक क्षेत्र में भी झंडे गाड़ रहा हैं | आज इसका पुरा श्रेय डूंगरा राम जी की सफलता को जाता हैं |
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  • जो अनपढ लोग (शिक्षा के महत्व का जिन्हें पता नही था) पढ़ने वालो पर कभी ताने कसा करते थे कि 'एडो पसे पढने काई कलेक्टर बण जाई' उनकी भी डूंगराराम जी की सफलता ने बोलती बंद कर दी | उनमें भी अपनी संतानो को पढाने की एक होड़ मच गई | आज 2002 के बाद जालोर जिला शिक्षा के क्षेत्र में नित नये आयाम स्थापित कर रहा हैं | डूंगरा राम जी के बडें भाई डॉ. दरगाराम जी भी प्रतिभा के धनी रहे हैं | 
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  • एक  किस्सा -
  • करीब तीन-साढे तीन वर्ष पहले की बात हैं | पंचायत समिति हॉल में सरपंचो व ग्रामसेवकों की कार्यशाला चल रही थी | कार्यशाला "खुले से शौच मुक्त' को लेकर आयोजित थी | इस मौके जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) जवाहर चौधरी एवं प्रधान वगैरह भी मौजुद थे | लगभग दो घंटे की कार्यशाला के बाद सीईओ साहब ने सरपंचो की तरफ नजर डाली और घूंघट में बैठी एक महिला सरपंच से पुछा, 'माझीया कोई बात थोडी-घणी भी समझ आई की युंही दो घंटा हरी रो नोम लियो ?'
  • तब पास में बैठे प्रधान जी ने सीईओ साहब से कहा कि, 'साहब ये भुण्डवा सरपंच हैं जो 2002 में आईआईटी टॉप कीया था डूंगरा राम जी ने उनकी माता जी हैं|'
  • इतना सुनते ही सीईओ साहब एकदम से खडे़ हो गये और उनकी माता जी को नमन करते हुए कहा कि, 'मुझे बडा़ गर्व हैं कि मैं उस आईआईटी टॉपर की माता जी के दर्शन कर पाया|' और आगे सीईओ साहब ने कहा कि जब 2002 के आईआईटी का रिजल्ट घोषित हुआ था, तब मैं रिजल्ट की पहली सुबह बाडमेंर के सुदुर गांव (पाकिस्ता सीमा पर) में था और अखबार के माध्यम से जानकारी मिली | मैं एक घंटे तक उस खबर को दसो बार पढते रहा, कि जालोर जिले के छोटे से गांव का व्यक्ति भी आईआईटी टॉप कर सकता हैं क्या.......? 
  • वो बताते हैं कि मुझे उस खबर पर नो बार तो विश्वास ही नही हुआ, फिर दसवी बार उस खबर को पढकर मान ही लिया कि इस संसार में असंभव कुछ भी नहीं हैं |
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  • दूसरा किस्सा 
  • सुधांशु जी की फेसबुक वॉल से ..
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  • साल 2002 । जून की गर्मी से उबलता राजस्थान । कोटा शहर में भी बहुत उथल-पुथल थी । उथल पुथल इसलिए क्योंकि IIT-JEE का रिजल्ट घोषित होने था । कोटा जो मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए मशहूर एजुकेशन हब बन चुका था इस बार भी अपने यंहा से ही टॉपर की बाट जोह रहा था ।

  • दोपहर की गर्मी में बंसल क्लासेज ( IIT कोचिंग के लिए जाना पहचान नाम ) में सभी बेसब्री से IIT-JEE 2002 के परिणाम का इंतजार कर रहे थे । सभी छात्र एवं शिक्षक टकटकी लगाकर घड़ी की तरफ देख रहे थे । प्रार्थनाओं और ईश्वर को याद करने का दौर शुरू हो चुका था ।

  • शाम के 5 बजते ही परिणाम घोषित हुआ और बंसल क्लासेज ने एक बार फिर सफलता के नए आयाम स्थापित किये और लगभग 2000 के आसपास विद्यार्थी परीक्षा पास कर चुके थे । बंसल क्लासेज को पूरी उम्मीद थी कि इस बार भी टॉपर उनके यही से निकलेगा लेकिन टॉपर का नाम देख बंसल क्लासेस के मैनेजमेंट और स्टूडेंट्स में निराशा छा गयी । IIT-JEE 2002 की इस बार की सूची में नम्बर 1 यानी टॉपर की जगह पर नाम था डूंगरा राम चौधरी का । डूंगराराम चौधरी निवासी जालोर,राजस्थान । 

  • उस समय टेक्नोलॉजी और तकनीक का इतना प्रभाव नहीं था कि डेटाबेस से एक सर्च से सारा रिकॉर्ड खंगाला जा सके । बंसल क्लासेज में अपनी एक व्यवस्था है । सबसे इंटेलीजेंट स्टूडेंट्स को वे अपने प्रीमियम बैच में रखते है, जिसमे विशेषज्ञ उन स्टूडेंट्स पर विशेष मेहनत करते है ।यह प्रीमियम बैच ही मेरिट लिस्ट में ऊपर के स्थान पर कब्जा करते है । बाकी सामान्य और ग्रामीण परिवेश से आनेवालों के लिए जनरल बैच बनते है जिन पर संस्थान ज्यादा ध्यान नही देता । वे सिर्फ धन उपलब्ध करवाने वाले होते है, उनसे विशेष उम्मीद भी नही होती ।  तो बंसल क्लासेस के मैनेजमेंट ने उस दिन अपने सभी टॉपर बैच में पड़ताल की लेकिन यह नाम नहीं मिला तो उन्होंने मान लिया कि इस बार टॉपर कोई और जगह से बना । थोड़ी देर बाद पता चला कि चोटी के अन्य कोचिंग संस्थानों में भी इस टॉपर का नाम नही है ।चारो तरफ अफवाहों का दौर गर्म हो गया क्योंकि अगर टॉपर बंसल क्लासेज या करियर पॉइंट और रेजोनेंस से नहीं बना तो फिर कहाँ से बना ?

  • रिजल्ट के 2 घंटे बाद शाम को 7 बजे के आसपास एक 18 वर्ष का बेहद सामान्य से दिखने वाला दुबला पतला चश्मा लगाया विद्यार्थी बंसल क्लासेज के डायरेक्टर रूम में जाता है और पांव छूकर कहता है कि "सर मेने IIT टॉप कर लिया है ।"

  • उस वक्त तक उस विद्यार्थी को उसके बैच के कुछ साथियों के अलावा कोई नहीं जानता था । डाइरेक्टर साहब अवाक रह जाते है । पूरा मैनेजमेंट और स्टाफ हैरान हो जाता है कि जिसे हम जानते तक नही , उस सामान्य स्टूडेंट्स की भीड़ में से यह कौन टॉपर आ गया? 

  • तुरंत पेपर्स खंगाले जाते है । पता चलता है कि यह चौधरी साहब पश्चिमी राजास्थान में मारवाड़ के सुदूर जिले जालोर से बंसल क्लासेस में पढ़ने आये थे ।अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण बंसल क्लासेस की तकनीकी कमेटी उनकी प्रतिभा को पहचान नही पाई और उन्हें प्रीमियम बैच में स्थान नही मिल पाया । लेकिन अब रिजल्ट की शाम वो ग्रामीण हिंदी माध्यम का लड़का एक स्टार सेलिब्रिटी बन चुका था। अगले दिन हर न्यूज़ पेपर में उसकी फोटो छपी और उसके नाम व फोटो के बैनर/फलेक्सेस पूरे कोटा शहर में छा चुके थे । बंसल क्लासेज ने एक बार फिर IIT-JEE की टॉप रैंक कब्जे में लेकर अपनी उपयोगिता साबित कर दी थी । डूंगरा राम चौधरी अब बंसल क्लासेस की शान बन चुका था ।

  • अब डूंगराराम की कहानी हर कोई जानना चाह रहा था ।राजस्थान के जालोर जिले के एक गांव से आने वाले डूंगरा राम चौधरी ने अपनी मेहनत और लगन से देश के प्रतिष्ठित एग्जाम में टॉप किया। जालोर के किसान परिवार से आने वाले डूंगरा राम ने शुरुआती पढाई अपने गांव से करने के बाद जालोर शहर की तरफ आगे की पढाई के लिए रुख किया । 12 वी पास करने के बाद IIT-JEE की तैयारी के लिए 1 साल का गैप लिया और पहुंच गए कोटा अपनी किस्मत आजमाने । एक सामान्य विद्यार्थी के रूप में साल भर पढाई करने वाले डूंगरा राम ने अपनी प्रतिभा का लोहा टॉपर बनकर मनवा लिया ।

  • IIT-JEE में टॉप करने के बाद डूंगरा राम ने IIT कानपुर में कंप्यूटर इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और वहाँ पर भी अपने बैच के टॉपर रहे । हिंदी माध्यम से पढ़कर IIT टॉप करके IIT कानपूर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लेना डूंगरा राम के लिए किसी सपने के सच होने जैसा साबित हुआ ।

  • इंजीनियरिंग के बाद डूंगरा राम ने AirTight Netorks नाम की कंपनी में अपना करियर शुरू किया और लगभग 2 वर्ष वहां काम करने के बाद Oracle में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में पिछले 11 वर्ष से काम कर रहे है । Oracle में वो आधुनिक तकनीक जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग और क्लस्टरिंग जैसे प्लेटफार्म पर काम कर रहे है । वो अब तक 2 रिसर्च पेपर एवं एक पेटेंट पब्लिश कर चुके है और वर्तमान में कैलिफोर्निया में अपने परिवार के साथ रह रहे है ।

  • जालोर के छोटे से गांव से कैलिफोर्निया तक का सफर डूंगरा राम के लिए बहुत ही रोमांचक और संघर्षपूर्ण रहा है लेकिन डूंगरा राम ने अपनी लगन और मेहनत से हर बड़े लक्ष्य और मुसीबत को अपने सामने बौना साबित कर दिया है ।

  • आज 15 साल बाद बंसल क्लासेस भी इस अनुपम उपलब्धि पर अपने यंहा स्कालरशिप प्रोग्राम उनके नाम पर चलाती है । ध्यान रखिये प्रतिभा को कान्वेंट, अंग्रेजी या बड़े शहर की दरकार नही होती । अपने हुनर पर भरोसा रखें । सफलता अवश्य मिलेगी ।
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  • फोटो - 1. 2002 के आईआईटी टॉपर डूंगर राम जी अपने पिताश्री अजाराम जी चौधरी के साथ उस समय |

  • फोटो 2. डूंगर राम जी के बडे़ भाई डॉ. दरगाराम चौधरी अपने फार्म पर | आज भी इतनी सफलता के बाद अपनी जडो़ से जुडे़ हुए हैं एवं पुरा ही परिवार 'सादा जीवन उच्च विचार' का जीना जीता हैं|
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  • 12 जनवरी (युवा दिवस) पर विशेष -
  • 🖋 दीप सिंह दूदवा

14 comments:

  1. रीति काल भक्ति काल के बादबाद,, आधुनिक काल में आपका लेखन गद्यांश कहानी एवं खड़ी भाषा बहुत ही लाजवाब है टेक्निकल युग में आपकी फोटोग्राफी बहुत ही सुंदर मरुभूमि की पहचान बन रही है,,, लेखक जी कभी मिलेंगे समय के साथ दीप सिंह जी

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  2. रीति काल भक्ति काल के बादबाद,, आधुनिक काल में आपका लेखन गद्यांश कहानी एवं खड़ी भाषा बहुत ही लाजवाब है टेक्निकल युग में आपकी फोटोग्राफी बहुत ही सुंदर मरुभूमि की पहचान बन रही है,,, लेखक जी कभी मिलेंगे समय के साथ दीप सिंह जी

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  3. sbhi sansadhno se sampan hune ke bavjud bhi me IIT JEE exam ko crack nhi kr paya tha...lekin dungar ram ji apne ek hi bar me top kr dikaya orr apne gav ka dist. ka naam roshan kr dia..orr ajj bhi kelifornia me bhi ap utkrsht kary kr rahe h ...vese sir me bhi aj hu to mechanical engineer but IIT crack ma kr pane ka malal ajj bhi h...ek bar fr se sir apki pratibha ko mera naman vandan ..god bless u always 🙏
    and deepsa apki lekani ko bhi mera salam 👌

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  4. sbhi sansadhno se sampan hune ke bavjud bhi me IIT JEE exam ko crack nhi kr paya tha...lekin dungar ram ji apne ek hi bar me top kr dikaya orr apne gav ka dist. ka naam roshan kr dia..orr ajj bhi kelifornia me bhi ap utkrsht kary kr rahe h ...vese sir me bhi aj hu to mechanical engineer but IIT crack ma kr pane ka malal ajj bhi h...ek bar fr se sir apki pratibha ko mera naman vandan ..god bless u always 🙏
    and deepsa apki lekani ko bhi mera salam 👌

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  5. गज्जब .. अबकी बार व्याखता हिस्ट्री या पॉलिटिक्स भी इसी गांव भुंडवा से टॉप किया है ।।

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